विद्यालय में वार्षिकोत्सव वर्णन करते हुए अपने बड़े भाई को पत्र लिखे

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किसी को पत्र लिखना एक कला है। विद्यार्थियों के लिए हिंदी विषय की परीक्षा का यह  व्याकरण का प्रश्न ( Hindi Letters writing ) भी हो सकता है। पिताजी को पत्र लिखें, बड़े भाई को पत्र लिखिए,  माता को पत्र लिखे, मित्र को पत्र लिखें ऐसे प्रश्न एग्जाम में कई बार हल करने होते हैं।  आज का युग डिजिटल युग है शायद ही किसी को पत्र लिखकर पोस्ट ऑफिस के द्वारा भेजने की जरूरत होती है।  आज हम फेसबुक वाट्स एप के साथ साथ ई-मेल पते पर डिजिटल पत्र भेजते हैं। पत्र भेजने के रास्ते कोई भी हो लेकिन पत्र का प्रारूप वही होता है।  इसमें कोई बदलाव नहीं होता।

इस लेख में आज हम अपने विद्यालय में वार्षिकोत्सव कार्यक्रम ( Vidhalyake varshik utsav ka varnan ) संपन्न किया गया है इसका वर्णन करते हुए बड़े भाई को पत्र लिखने के बारे में बता  रहे हैं। इस पत्र लेखन उदाहरण से आप एक बढ़िया पत्र लेखन का कार्य कर पाएंगे।

पत्र लेखन में किस चीजों का ध्यान रखना पड़ता है। ऐसे कौन से मुद्दे है जो पत्र लेखन में जरूरी हो जाते हैं।  पत्र की शुरुआत और अंत कैसा होता है। अभिवादन और संबोधन कैसे किया जाता है यह सभी जानकारी हमने यह दूसरे आर्टिकल में भी है आप पढ़ सकते हैं।

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विद्यालय में वार्षिकोत्सव वर्णन करते हुए अपने बड़े भाई को पत्र

varshikotsav ka varan bade bhai ko patra

दिनांक: 18/12/2019

126,  अंकुर विहार,

गैलेक्सी कंपलेक्स,   मुख्य मार्ग

चार रस्ता,  मुंबई।

आदरणीय भ्राता श्री,

सप्रेम नमस्कार।

मैं यहां कुशल हूं।  माता और पिता की कुशलता की कामना करता हूं।  आपका पत्र मिला था। पढ़ कर बहुत खुशी हुई। कई दिनों से सोच रहा था कि आपको पत्रों का जवाब  लिखें। वास्तव में पिछले दिनों मैं अपने विद्यालय के वार्षिकोत्सव (annual function) की तैयारियों में जुटा था । लेकिन आज मौका मिल गया। क्योंकि कल हमारे विद्यालय में  वार्षिकोत्सव के कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

वार्षिकोत्सव कार्यक्रम अत्यंत सफल और रोचक रहा।  सरस्वती वंदना के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इसके पश्चात् हमारे विद्यालय के प्रधानाचार्य महोदय ने अतिथियों का स्वागत करते हुए गत वर्ष की उपलब्धियों का विवरण प्रस्तुत किया। सर्वप्रथम प्राथमिक कक्षाओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति की गई जिसे दर्शकों और अतिथियों का विशेष प्रोत्साहन प्राप्त हुआ। इसके पश्चात् सीनियर ग्रुप द्वारा लोकनृत्य, गीत, मूक अभिनय एवं एकांकी नाटक प्रस्तुत किए गए। मेरे द्वारा अभिनीत नाटक ‘अजातशत्रु’ में मेरी अजातशत्रु की भूमिका दर्शकों ने बहुत सराही।  

मैंने भी वार्षिकोत्सव के मौके कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लिया था। मैंने ‘बेटी बचाओ’ विषय पर बहुत उत्कृष्ट एवं परिमार्जित रूप से अपने विचार प्रस्तत किए और लोगों का आह्वान किया कि  आप भी अपनी यथाशक्ति भ्रूण हत्या को रोकने और सरकार के बेटी बचाओ अभियान में अपना हर संभव सहयोग प्रदान करें। मेरे विचारों से समस्त श्रोता और अतिथिगण काफी प्रभावित हुए। सबने मुझे बहुत मान दिया।  अंत में मुख्य अतिथि के कर-कमलों द्वारा पारितोषिक वितरण किया गया। मुझे श्रेष्ठ अभिनेता, श्रेष्ठ वक्ता एवं श्रेष्ठ संयोजक के लिए तीन पुरस्कार प्राप्त हुए।

इस अवसर पर आपकी अनुपस्थिति मुझे अखरती रही। मुख्य अतिथि के संक्षिप्त भाषण तथा प्रधानाचार्य महोदय के धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम की समाप्ति हुई। शेष कुशल है।

माँ और पिताजी की बहुत याद आती है, उन्हें मेरा प्रणाम कहना | पत्र का नियमित जवाब देते रहिये | आपके आशीर्वाद की कामना है |

आपका स्नेहपात्र,

विनय कुमार

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फ्रेंड्स,  आपको हमारा यह ‘विद्यालय में वार्षिकोत्सव वर्णन करते हुए अपने बड़े भाई को पत्र’ ( Letter for Class 10, 12 and Graduation Classes ) कैसा लगा जरूर बताएं।  और भी किसी विषय के पत्र लेखन के उदाहरण, प्रारूप अब चाहते हैं तो हमें कमेंट करके बताएं।  हम यहां इस तरह के कई पत्र लेखन के नमूने आपको देने वाले हैं।

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धन्यवाद…!!!

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