होली पर निबंध – Holi Festival Essay Hindi

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होली पर निबंध

हमारा देश त्यौहार प्रिय है. यहाँ कई तरह के त्यौहार प्रतिदिन मनाये जाते है. त्यौहार हमारे लिए आनंद को व्यक्त करने के साथ साथ धार्मिकता का महत्त्व भी दिखाते है. सब लोग मिल जुलकर सभी त्यौहार मनाते है. यहाँ हमने ऐसे ही एक त्यौहार ” होली ( Holi Festival Essay ) ” का निबंध दिया है. जो छात्रों को परीक्षा के लिए या भाषण के रूप में प्रस्तुत करने में सहायक होगा.

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Holi Festival Essay Hindi
Holi Essay Hindi

Holi Festival Essay Hindi

होली आइ रे …. Holi Festival Essay

            होली हमारे देश का एक प्रमुख त्यौहार है। यह त्यौहारकाल्गुन मास में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है। 

     होली के बारे में भक्त प्रहलाद की कथा प्रचलित है।  प्रहलाद के पिता हिरण्यकशिपु एक नास्तिक व्यक्ति थे, जब की पुत्र प्रहलाद भगवान विष्णु का भक्त था।  यह बात हिरण्यकशिपु को पसंद नहीं थी। इसलिए उसने प्रहलाद को आग में जला देने का निश्चय किया।  हिरण्यकशिपु की बहन होलिका को वरदान मिला हुआ था, जिससे आग उसको नही जला सकती थी।  भाई के आदेश पर होलिका प्रहलाद को गोद में लेकर आग में बैठ गयी।  लेकिन होलिका आग में भस्म हो गई और प्रहलाद बच गया।  आसुरी शक्ति पर दैवी शक्ति की विजय हुई।  लोगो में आनंद छा गया।  तभी से होलिकोत्सव का प्रारंभ हुआ।  कुछ लोग होली को रबी की कसल का त्यौहार मानते है। उनके मतानुसार अच्छी फसल होने की खशी में यह त्यौहार  मनाया जाता है .

यह कथा इस बात का संकेत करती है की बुराई पर अच्छाई की जीत अवश्य होती है। आज भी पूर्णिमा को होली जलाते हैं, और अगले दिन सब लोग एक दूसरे पर गुलाल, अबीर और तरह-तरह के रंग डालते हैं। यह त्योहार रंगों का त्योहार है।

          होली के त्यौहार की तैयारियां कई दिन पहले से शुरू हो जाती है। दुकाने रंगो एवं पिचकारियों से सजाई जाती है। होली जलाने के लिए लकडिया ईकठी की जाती है। पूर्णिमा को शाम के समय होली जलाई जाती है, सुहागन स्त्रियाँ नारियल, कुमकुम , चावल और नये अनाज से होली की पूजा करती है।  बच्चे , बूढ़े,  नवयुवक सभी उत्साह में आकर गाने,  बजाने तथा नाचने लगते है।  होली के दूसरे दिन धुलेटी मनाइ जाती है। इस दिन खूब रंग -गुलाल उड़ाते है।  लोग एक -दूसरे पर रंग छिड़कते है। लोग प्रेम से एक-दूसरे से गले मिलते है।  होली के उत्सव में जाती-पाती और धर्म का भेद-भाव मिट जाता है। 

इस दिन लोग प्रात:काल उठकर रंगों को लेकर अपने नाते-रिश्तेदारों व मित्रों के घर जाते हैं और उनके साथ जमकर होली खेलते हैं। बच्चों के लिए तो यह त्योहार विशेष महत्व रखता है। वह एक दिन पहले से ही बाजार से अपने लिए तरह-तरह की पिचकारियां व गुब्बारे लाते हैं। बच्चे गुब्बारों व पिचकारी से अपने मित्रों के साथ होली का आनंद उठाते हैं।

             होली के साथ कुछ हानिकारक परंपराए भी जुड गइ है। होली केअवसर पर कुछ लोग भद्दे गीत गाते है।  कुछलोग रंग के बजाय एक-दूसरे पर कीचड़ डालते है। कुछ लोग विषैले रंगो का भी प्रयोगकरते है। ये रंग आखो एवं त्वचा को नुक़सान पहुंचते है। हमें इन बुराईयो से बचनाचाहिए। 

          वास्तव में होली वसंत रुतु का रंगबिरंगात्यौहार है। यह हमारे जीवन में उल्लास और प्रेम का रंग भर देता है। सामाजिक एकता,उल्लास और उमंग की दृष्टी से होली अपने आपमेंएक अनूठा त्यौहार है। 

          होली का त्यौहार हमें यही सदेश देता है की सारे भेद-भाव भूलकर एकता के रंग में रंग जाओ। 

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