गुरु पूर्णिमा पर भाषण – Guru Purnima Speech Hindi

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Best Guru Purnima Speech In Hindi : गुरु पूर्णिमा पर भाषण : निबंध ( Short Essay in hindi ) गुरु पूर्णिमा का महत्व. गुरु पूर्णिमा कैसे मनाये? गुरु पूर्णिमा एक हिन्दू त्यौहार है. पुरे भारतवर्ष में मनाया जाता है. हमारी भारतीय संस्कृति से जुड़ा ये त्यौहार है. पाठशाला और विद्यालयों में इसका काफी ज्यादा महत्व है, क्योकि ये गुरु और शिष्य का त्यौहार है. school में बच्चे इस विषय गुरु पूर्णिमा पर भाषण, अपने विचार स्पीच के द्वारा व्यक्त करते है. हमने छात्रो के लिए Guru Purnima Speech Hindi में तैयार किया है. आप अपने school colleges में इसे गुरु पूर्णिमा भाषण के रूप में प्रस्तुत कर पाएंगे. आप चाहे तो इसे गुरु पूर्णिमा पर निबंध के रूप में भी लिख सकते है.

गुरु पूर्णिमा पर भाषण – हिंदी में

गुरु पूर्णिमा के लिए भाषण स्क्रिप्ट तैयार करने से पहले इन बातों को ध्यान में रखे.

  • सबसे पहले सभी को संबोधित करे.
  • यहाँ दिया गया भाषण में से आपके समय के अनुसार कुछ हिस्से आप काट सकते है.
  • आप की कक्षा के अनुसार का भाषण सेलेक्ट करे. यहाँ कई भाषण script दिए गए है.
  • भाषण में दिए गए शीर्षक आपको बोलने की जरुरत नहीं है. ये सिर्फ निबंध के लिए है.
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“गुरुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः ।

गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः ॥”

आज का दिन गुरु पूर्णिमा का पवित्र दिन है. गुरु पूर्णिमा एक भारतीय त्योहार है जिसे हिंदू कैलेंडर के अनुसार मनाया जाता है.  हिन्‍दू कैलेंडर के मुताबिक आषाढ़ शुक्‍ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन ही महर्षि वेद व्‍यास का जन्‍म हुआ था. यह पूर्णिमा उन्‍हींं के सम्‍मान में मनाई जाती है. अपने गुरु, अपने शिक्षक या संमनीय व्यक्ति – अभिभावक के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने का दिन है. व्युत्पत्ति के अनुसार, गुरु शब्द दो वर्ण से बना है. गु का मतलब है कि घना अँधेरा, और रू का मतलब है, अंधेरे को दूर करनेवाला। इसे गुरु शब्द का अर्थ होता है, अज्ञान के अंधकार से ज्ञान की रोशनी प्रजव्लित करनेवाला।

गुरु का महत्व

भारतीय संस्कृति और पौराणिक कथाओं में गुरु का स्थान बहुत ऊँचा है। और, वे प्रसिद्ध किंवदंतियों से भरे हुए हैं, जिसमें शिष्य अपने गुरु को खुश करने या गुरुदाक्षिना के लिए कितने बलिदान दिए है। हम संदीपनी रूशी, एकलव्य, बैजू बावरा और गुरु शिष्य से जुड़ी कई अन्य कहानियों से भी अवगत हैं. आज इन सभी को याद करके हमें गुरु के और गुरु पूर्णिमा का महत्व समझना चाहिए.

हिंदू धर्मग्रंथों का दावा है कि सोने की तुलना में अधिक मूल्यवान, और कहीं अधिक दुर्लभ, एक गुरु है. गुरु आध्यात्मिक सत्य का ज्ञाता है, जिसे सतगुरु भी कहा जाता है। गुरु एक सबसे अच्छा दोस्त, एक पिता और एक माँ जैसा एक एक भरोसेमंद, विश्वासपात्र मार्गदर्शक है. जो हमें जीवन और ईश्वरीय रह में आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है । गुरु में, व्यक्ति अपनी असीम क्षमता को देखता है।

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गुरु पूर्णिमा का महत्वThe importance of 
Guru Purnima

गुरु पूर्णिमा गुरु के पूजन का दिन है. गुरु के प्रति अपनी गुरुभक्ति निभाने के साथ साथ गुरु ने जो हमें दिया है इस परोपकार के सामने कृतज्ञता व्यक्त करने का दिन है. दिव्य ज्ञान, आध्यात्मिकता, शांति और विवेक की मूर्ति समान गुरुओ के चरणस्पर्श का दिन है. गुरु पूर्णिमा एक शिक्षक दिन का ही रूप है. गुरु की महिमा के लिए कभीर ने दोहे में बताया है :

गुरु के सुमिरन मात्र से नासत विघ्न अनंत ।
तासे सर्वारंभ में ध्यावत है सब संत।।

गुरु हैं बड़े गोविन्द ते, मन में देखो विचार ।
हरि सुमिरे सो वार है, गुरु सुमिरे सो पार ।।

गुरु के जीवन दर्शन प्रति भाव संवेदन व्यक्त करके गुरु के आशीर्वाद लेना गुरु पूर्णिमा का मूल मंत्र है. गुरु पूर्णिमा पर गुरु पूर्णिमा पर गुरु की पूजा करने का विधान है। वास्तव में, गुरु की पूजा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि उनकी कृपा से व्यक्ति कुछ भी हासिल कर सकता है। गुरु की महिमा अपरंपार है। गुरु के बिना ज्ञान की प्राप्ति नहीं हो सकती। गुरु को भगवान से भी ऊपर उठाया गया है। इस दिन गुरु की पूजा की जाती है।

गुरु पूर्णिमा कैसे मनाई जाती है

  • how to celebrate guru purnima

गुरुपूर्णिमा के दिन गुरु का दर्शन, गुरु का पूजन वर्षभर की पूर्णिमाएँ मनाने का पुण्य देता है । दूसरे पुण्य के फल तो सुख देकर नष्ट हो जाते हैं लेकिन गुरु का दर्शन और गुरु का पूजन अनंत फल को देनेवाला है ।

गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गुरुओं का सम्मान किया जाता है। इस अवसर पर आश्रमों में पूजा-पाठ का विशेष आयोजन किया जाता है। इस पर्व पर विभिन्न क्षेत्रों में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले विभूतियों को सम्मानित किया जाता है। सम्मानित लोगों में साहित्य, संगीत, नाट्य विद्या, चित्रकला आदि क्षेत्रों के लोग शामिल होते हैं। कई जगह कथा, कीर्तन एवं भंडारा का आयोजन किया जाता है। इस दिन गुरु के नाम पर दान-पुण्य करने का भी प्राविधान है।

School, Colleges and Educational University में इस त्यौहार का ज्यादा महत्त्व होता है. कई कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. यहाँ गुरु के शब्दों पर चर्च योजित होती है, काव्य पधान, वक्तव्य और गुरु पूर्णिमा पर भाषण आयोजित किया जाता है. काव्यलेखन, निबंध लेखन, चर्चामंच, काव्य गोष्टी जैसे कार्यक्रम गुरु को बिच में रखकर योजित किये जाते है.

आईये हम सब मिलकर हमें जीवन और आध्यात्मिक पथ पर हमें आगे बढाने वाले गुरु का सन्मान करे. गुरु के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करे. हमें जीवन में कामयाब बनाने में जितने भी लोगो ने हमारे लिए संघर्ष किया है वो हमारे गुरु है. हम इन सभी गुरुओं को आज के दिन कोटि कोटि वंदन.

धन्यवाद…!!!

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Guru Purnima Speech For Students –

यहाँ सरल शब्दों में और संक्षिप्त में विद्यालय के बच्चो के लिए ( कक्षा 4, 5, 6, 7, 8, ) गुरु पूर्णिमा के ऊपर भाषण दिया गया है. छोटा सा भाषण किया है जो छात्र आसानी व्यक्त कर सके. छात्र इसे गुरु पूर्णिमा पर निबंध के लिए भी लिख सकते है.

गुरु पूर्णिमा के लिए भाषण [ बच्चो के लिए ]

आदरणीय प्रिंसिपल सर, सभी शिक्षकगण, सहपाठियों और अभीभावकों को मेरा नमस्कार। मैं आप सभी का हार्दिक अभिनन्दन करता हूँ / करती हूँ ।

गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर, विश्व के समस्त गुरुजनों को मेरा शत् शत् नमन। आज गुरु पूर्णिमा है और मै इस सबंध में अपने विचार व्यक्त करता हु / करती हु आप सब ध्यान से सुने.

हर साल आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा का पर्व पूरे भारतवर्ष  में मनाया जाता है। हिन्दू, बौद्ध व जैन धर्म के लोग अपने-अपने तरीकों से इस दिन अपने गुरु के सम्मान में व्रत, पूजन इत्यादि द्वारा यह पर्व मनाते हैं।

अगर हमारे जीवन में गुरु नहीं तो हमारी जिंदगी कुछ काम की नहीं रहती है। हम अपने जीवन में कुछ भी नहीं बन सकते। लेकिन अगर गुरु मिल जाए तो हमारा जीवन सफल होता है। वह हमें अपने जीवन में हर मोड़पर मार्गदर्शन करते है। उसके मार्गदर्शन से हम अपने लक्ष्य तक पहुच सकते है। गुरु ही हमें जिंदगी की हर चुनौती का सामना करना सिखाता है। गुरु की वजह से ही हम एक काबिल इन्सान बन सकते है और समाज के लिए कुछ बेहतर दे सकते है। 

हमारे माता पिता हमारे पहले गुरु होते है जो हमें बचपन से ही सिखाना शुरू कर देते है। वह हमें बचपन से प्यार करना सिखाते है। वह हमारे बचपन के गुरु होते है और वही हमारी आखिरी तक सहायता करते रहते है और हमें अपने लक्ष्य तक पहुचाने में हर तरह की कोशिश करते है।

स्कूल में जो शिक्षक हमें पढ़ाते है वह हमारे दुसरे गुरु होते है वह हमें समाज और उसकी संस्कृति के बारे में सभी बाते समझाकर बताते है। गणित, विज्ञान, इतिहास सिखाने का काम केवल शिक्षक ही कर सकते है।

इस गुरु पूर्णिमा के पावन त्यौहार पर अपने जीवन को आगे बढाने में सहायक सभी गुरुओं का आदर – सत्कार करे. अपनी शिष्य भावना व्यक्त करे।  आशा है आपको मेरा भाषण पसंद आया होगा। अंत में इस कविता पंक्ति के साथ अपना भाषण समाप्त करता हूँ/करती हूँ। 

सब धरती कागज करू, लेखनी सब वनराज।
सात समुंद्र की मसि करु, गुरु गुंण लिखा न जाए।।

धन्यवाद! जय हिन्द.

पढ़ने लायक लेख : एक कामयाब इन्सान कैसे बने ?

  • आपको बता दे की हम अपने विद्यालय के छात्र के लिए जो भाषण script तैयार करते वही यहाँ दिया गया होता है. इसलिए इसे Best और परफेक्ट भाषण आपको यहाँ से मिलेगा.
  • अगर आपको इसकी PDF file चाहते है तो हमें कमेंट में बताये.
  • इस गुरु पूर्णिमा पर भाषण को print करना चाहते है तो शेयर करने के option के साथ print का option भी दिया है.
  • किसी special subject के लिए या फिर किसी विशिष्ट कार्यक्रम के लिए भाषण script चाहिए तो हमें बताये. आपके समय और जरूरियात के अनुसार script बनके आपको भेजा जायेगा.

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