CAB Bill 2019 क्या है? All Information in Hindi

-

CAB Bill 2019 : आजके ज़माने में हर किसी को अपने देश में चल रहे कार्यो – गतिविधियों से अवगत होना है. आज हम CAB Bill 2019 के बारे में आपको इस लेख में अवगत कराएँगे. अगर आप कोई student है और किसी comparative exam की तैयारी कर रहे है तो परीक्षा के हिसाब से आपको पढ़ना चाहिए. इसे current Affairs के question answer के लिए भी महत्वपूर्ण समझे.

सोशल मीडिया, समाचार पत्रों तथा टेलीविज़न आदि के द्वारा CAB Bill 2019 से संबंधित बहुत ही विवादास्पद खबरें सुनने के मिल रही हैं ऐंसे में हमारा यह जानना जरूरी हो जाता है कि CAB Bill क्या है और आखिर क्यों CAB Bill को लेकर ये विवादास्पद मामले हो रहे हैं.

CAB bill के विरोध में असम, त्रिपुरा,भारत के पूर्वोत्तर राज्यों तथा और भी कई जगहों पर लगातार विरोधप्रदर्शन किए जा रहे हैं.

असम में इस बिल के विरोध में जमकर तोड़ फोड़ तथा आगजनी की गई जिसके बादवहां के दस जिलों में 24 घंटेके लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गयी.

Cab Full Form क्या है?

CAB Bill Full Form – Citizenship Amendment Bill

( Meaning) CAB Bill Hindi Meaning – नागरिकता संशोधन विधेयक ( सिटीजन अमेंडमेंट बिल )

Cab Bill क्या है –What is theCitizenship Amendment Bill 2019

CAB Bill All Information hindi with pdf file

Citizenship Amendment Bill (CAB) अर्थात नागरिकतासंशोधन विधेयक Citizenship Act, 1955 में बदलाव लाएगा. सीधेतौर पर कहा जाए तो इस संशोधन को कानून में लागू करने के बाद तीन पड़ोसी मुस्लिमबाहुल्य देशों के गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारत की नागरिकता लेने में आसानीहोगी.

नागरिकता संशोधन बिल २०१९ इन हिंदी

इसके जरिये पाकिस्तान, अफगानिस्तान तथा बांग्लादेश के गैर मुस्लिम शरणार्थी अर्थात हिन्दू,सिख, बौद्ध, जैन,पारसी और ईसाई धर्म के अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता आसानी सेदी जाएगी.

Citizenship Act, 1955 के मुताबिक नागरिकता पाने केलिए यह जरूरी था कि शरणार्थी पिछले 14 वर्षों में से 11वर्ष से भारत में ही रह रहा हो तथा नागरिकता के आवेदन के 12 महीने पूर्व से लगातार यहीं रह रहा हो.

लेकिन CAB Bill 2019 के संशोधन विधेयक लागू होने के पश्चात 11 वर्षों को घटाकर 5 वर्ष कर दिया जाएगा और यह भी जरूरी होगा कि वह हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी अथवा ईसाई इन 6 धर्मों में से किसी एक धर्म का हो तथा सिर्फ तीन देश पाकिस्तान, अफगानिस्तान तथा बांग्लादेश में से किसी देश का शरणार्थी हो.

इस बिल का उद्देश्य इन तीन देशों में उत्पीड़न के शिकार हो रहे गैरमुस्लिम शरणार्थियों के लिए भारतीय नागरिकता का रास्ता आसान बनाकर उन्हें राहतप्रदान करना है.

विपक्षी CAB Bill का विरोध क्यों कररहे हैं – Why Assam is Opposing CAB Bill

सिर्फ असम ही नहीं बल्कि त्रिपुरा तथा भारत के और भी उत्तरपूर्वीराज्यों में इस विधेयक को लेकर जमकर विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं.

विरोधियों का मानना है कि इस विधेयक में मुस्लिम समुदाय को छोड़करअन्य सभी धर्म शामिल है अर्थात मुस्लिमों के साथ भेदभाव किया जा रहा है. विपक्षीइस फैंसले को धर्म के आधार पर बांटने वाला फैंसला करार दे रहे हैं.

यह बिल सभी धर्म के लोगों तथा 3 देशों को छोड़कर अन्य देशों के पीड़ित अल्पसंख्यकों को राहत नहीं दे रहा है.पड़ोसी देश म्यामार में रोहिंग्या और हिन्दू समुदाय के लोग उत्पीड़न के शिकार हैं,पड़ोसी देश पाकिस्तान में शिया और अहमदिया समुदाय उत्पीड़न का शिकारहै, तथा एक और पड़ोसी देश श्रीलंका में भी हिन्दू, तमिल तथा ईसाई समुदाय के लोग उत्पीड़न का शिकार हैं.

विपक्षियों तथा विरोधियों का कहना है कि क्या इनका उत्पीड़न किसी कोनहीं दिख रहा है और इनके बारे में क्यों नहीं सोचा जा रहा है. आखिर क्यों इनके साथभेदभाव किया जा रहा है.

CAB Bill 2019 pdf in hindi

नागरिकता संशोधन बिल प्रावधान – प्रस्ताव

1. क्या है CAB का प्रस्ताव?
नागरिकता संशोधन बिल नागरिकता अधिनियम 1955 के प्रावधानों को बदलने के लिए पेश किया जा रहा है. नागरिकता बिल 1955 के हिसाब से किसी अवैध प्रवासी को भारत की नागरिकता नहीं दी जा सकती. अब इस संशोधन से नागरिकता प्रदान करने से संबंधित नियमों में बदलाव होगा. यह बिल सोमवार को लोकसभा में पास हो चुका है.

2. CAB Bill 2019 के दायरे में कौन आएगा?
नागरिकता बिल में इस संशोधन से मुख्य रूप से छह जातियों के अवैध प्रवासियों को फायदा होगा. बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हिंदुओं के साथ ही सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों के लिए अवैध दस्तावेजों के बाद भी भारतीय नागरिकता हासिल करने का रास्ता साफ हो जाएगा. वास्तव में इससे नॉन मुस्लिम रिफ्यूजी को सबसे अधिक फायदा होगा.

3. इसके दायरे से बाहर कौन रहेगा?
भारत के प्रमुख विपक्षी दलों का कहना है कि मोदी सरकार CAB के माध्यम से मुसलमानों को टार्गेट करना चाहती है. इसकी वजह ये है कि CAB 2019 के प्रावधान के मुताबिक पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले मुसलमानों को भारत की नागरिकता नहीं दी जाएगी.

कांग्रेस समेत कई पार्टियां इसी आधार पर नागरिकता संशोधन बिल का विरोध कर रही हैं. सरकार का तर्क यह है कि धार्मिक उत्पीड़न की वजह से इन देशों से आने वाले अल्पसंख्यकों को CAB के माध्यम से सुरक्षा दी जा रही है.

4. मोदी सरकार का तर्क क्या है?
मोदी सरकार कहती है कि साल 1947 में भारत-पाक का बंटवारा धार्मिक आधार पर हुआ था. इसके बाद भी पाकिस्तान और बांग्लादेश में कई धर्म के लोग रह रहे हैं. पाक, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यक काफी प्रताड़ित किये जाते हैं. अगर वे भारत में शरण लेना चाहते हैं तो हमें उनकी मदद करने की जरूरत है.

5. CAB का बैकग्राउंड क्या है?
जनवरी 2019 में बिल पुराने फॉर्म में पास किया गया था. CAB वास्तव में NDA का चुनावी वादा है. गृह मंत्रालय ने वर्ष 2018 में अधिसूचित किया था कि सात राज्यों के कुछ जिलों के अधिकारी भारत में रहने वाले पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से सताए गए अल्पसंख्यकों को नागरिकता प्रदान करने के लिए ऑनलाइन आवेदन स्वीकार कर सकते हैं.

राज्यों और केंद्र से सत्यापन रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद उन्हें नागरिकता दी जाएगी. इसमें भारत की नागरिकता पाने के लिए 12 साल के निवास की जगह अब अवधि सात साल हो जाएगी.

6.अब क्या विकल्प हैं?
पूर्वोत्तर के राज्य के लोगों का मानना है कि CAB Bill 2019 के बाद इलाके में अवैध प्रवासियों की संख्या बढ़ जाएगी और इससे क्षेत्र की स्थिरता पर खतरा बढ़ेगा.

7.किन राज्यों पर CAB का सबसे अधिक असर पड़ेगा?
CAB का सबसे अधिक असर पूर्वोत्तर के सात राज्यों पर पड़ेगा. भारतीय संविधान की छठीं अनुसूची में आने वाले पूर्वोत्तर भारत के कई इलाकों को नागरिकता संशोधन विधेयक में छूट दी गई है. छठीं अनूसूची में पूर्वोत्तर भारत के असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिज़ोरम आदि शामिल हैं जहां संविधान के मुताबिक स्वायत्त ज़िला परिषद हैं जो स्थानीय आदिवासियों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करती है.

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 244 में इसका प्रावधान किया गया है. संविधान सभा ने 1949 में इसके ज़रिए स्वायत्त ज़िला परिषदों का गठन करके राज्य विधानसभाओं को संबंधित अधिकार प्रदान किए थे.

छठीं अनूसूची में इसके अलावा क्षेत्रीय परिषदों का भी उल्लेख किया गया है. इन सभी का उद्देश्य स्थानीय आदिवासियों की सामाजिक, भाषाई और सांस्कृतिक पहचान बनाए रखना है.

राज्यसभा_में_पारित_हुआ_या_नहीं_–_CAB_Bill_Passed_in_Rajyasabha_or_Not?">

CAB Bill राज्यसभा में पारित हुआ या नहीं – CAB Bill Passed in Rajyasabha or Not?

नागरिकता संशोधन विधेयक लोकसभा में 19जुलाई 2016 को पेश हुआ था और 12 अगस्त 2106 को Joint Parliament Committee(JPC) को भेज दिया गया. JPC ने अपनी रिपोर्ट 7जनवरी 2019 को दाखिल किया. दूसरे दिन 8जनवरी 2019 को ये विधेयक लोकसभा में पास होगया.

16वी लोकसभा का कार्यकाल 13 फरवरी2019 को खत्म होने के कारण लोकसभा अनिश्चित काल के लिएस्थगित हो गई जिसके कारण यह विधेयक राज्यसभा में नहीं पेश किया जा सका. इसी कारणयह बिल निष्प्रभावी हो गया.

इसके बाद जब 17वीलोकसभा का कार्यकाल प्रारंभ हुआ तो केंद्रीय मंत्रिमंडल (Union Cabinet) ने 4 दिसंबर 2019 को संसद मेंपेश करने की मंजूरी दे दी. जिसके बाद 9 दिसंबर को 17वी लोकसभा के गृहमंत्री अमित शाह द्वारा लोकसभा में पेश किया गया.

इसके बाद लोकसभा में संसद के 311 सदस्यों द्वारा इसमें Voting की गई जिसमें से 231Voting विधेयक के पक्ष में  थी तथा 80Voting विधेयक के ख़िलाफ़ थी. इस तरह से 10 दिसंबर2019 को रात 12:11 बजे इसे पारित कियागया.

उसके बाद राज्यसभा में भी इस विधेयक के पक्ष में 125 Vote मिले तथा इसके खिलाफ 80 Vote थे. इस तरह 11 दिसंबर 2019 कोराज्यसभा द्वारा पारित किया गया.

How Many TimesCitizenship Act Has Been Amended?

ऐंसा नहीं है कि Citizenship act में पहली बार 2019 में मोदी सरकार द्वारा संसोधन किआगया हो. इसके पहले भी citizenship act में 5 बार संसोधन किया जा चुका है.

इसके पहले वर्ष 1986, 1992, 2003,2005 तथा 2015 में इस act में कांग्रेस सरकार द्वारा 3 बार तथा भाजपा सरकारद्वारा तीन बार संसोधन किया जा चुका है.

2019 में CAB bill पास होने केबाद ये citizenship act में छठवां संसोधन था.

NRC क्या है –What is NRCBill in Hindi?

NRC का full form “National Register ofCitizenship” होता है. यह एक तरीके की सूची होती है जिससे पताचलता है कि किसे देश की नागरिकता है तथा किसे नहीं है. जिसका इस सूची में नाम होताहै उसकी भारतीय नागरिकता वैध मानी जाती है तथा इस सूची में जिसका नाम नहीं होता हैउसे अवैध नागरिक माना जाता है.

जब कोई व्यक्ति भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करता है और उसे स्वीकृतकर दिया जाता है तो आवेदक का नाम NRC में जोड़ दिया जाता है और जिसका आवेदन निरस्त हो जाता है उसका नाम इस सूचीसे अलग रखा जाता है तथा उसे अवैध नागरिक माना जाता है.

CAB bill 2019 के पारित होने के बाद 19 लाख लोगों का नाम NRC में जुड़े जाने की संभावना है.

Satta King Information In Hindi

अंतिम शब्द :

दोस्तों इस आर्टिकल में बताई गई CABBill 2019 की जानकारी काफी महत्वपूर्ण है जो कि आपके ज्ञानवर्धन केलिए बहुत जरूरी है. हम उम्मीद करते हैं आपको ये जानकारी काफी पसंद आयी होगी. आपकोये आर्टिकल कैंसा लगा हमें comment के माध्यम से जरूर बताएंतथा आपको इस आर्टिकल से संबंधित कोई सवाल हो तो भी आप हमसे कमेंट के माध्यम से पूकसकते हैं.

इस आर्टिकल को सोशल मीडिया में शेयर कर उन्हें भी इस जानकारी से अवगतकराएं.

Recommended for You
You may also like
Share Your Thoughts

Leave a Reply